Discover the amazing health benefits of eating boiled vegetables! Learn how boiling preserves nutrients, aids digestion, and helps in weight management. Find out the best vegetables to eat raw, steamed, or grilled. Health benefits of eating boiled vegetables Introduction Boiled vegetables are one of the healthiest ways to consume your daily dose of vitamins and minerals. Whether you are looking to lose weight, improve digestion, or boost your immune system, boiling vegetables can help you achieve your health goals. In this ultimate guide, we explore the many health benefits of eating boiled vegetables , the best ways to prepare them, and which vegetables retain the most nutrients when boiled. Why Boiling Vegetables is Healthy 1. Preserves Essential Nutrients Boiling vegetables retains essential vitamins and minerals such as vitamin C, potassium, and fiber. Unlike frying, which can destroy these nutrients, boiling allows vegetables to soften while keeping their core health benefits int...
घातक आंतों के रसाव से खुद को कैसे बचाएं । How to save yourself from the deadly leaky gut | MEANINGFUL GYAN
क्या आप जानते हैं की हमें रोजाना पोषण और स्वास्थ्य देने वाली हमारी आते ही हमारे लिए जानलेवा भी हो सकती है। क्या आपने आंतों में बढ़ते रिसाव के खतरे को महसूस किया है? और दोस्तों क्या आप जानना चाहते हैं कि इस खतरे की जानकारी देने वाले वो महत्वपूर्ण संकेत कौन से हैं? और दोस्तों ये भी है कि इन संकेतों को
पहचान कर क्या हम अपनी आंतों से होने वाले खतरनाक रिसाव से अपने शरीर को बचा सकते हैं? अगर इन सभी सवालों के बारे में आप पूरी जानकारी चाहते हैं तो इस पोस्ट को आखिर तक जरूर देखिएगा और किसी भी संभावित खतरे से आप निश्चित तौर पर खुद को बचाने में सक्षम हो पाएंगे। हमारे शरीर के पाचन तंत्र में आंत एक लंबी नली के रूप में होती है जो हमारे भोजन ग्रहण करने वाले मुँह से शुरू होकर मल क्षेत्र तक होती है।
हमारी आंतों का शरीर में मुख्य कार्य भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स, वाइटमिन, फैट्स यानी वसा और अन्य सूक्ष्म पोषक पदार्थों यानी माइक्रो न्यूट्रिअन्ट्स का लाभ शरीर के हर एक सेल और टिशू तक पहुंचाने का होता है। इस जटिल प्रक्रिया में कई तरह के डाइजेस्टिव जूस, एस या पाचक द्रव्यों जिन्हें ऐंज़ाइम भी कहते हैं, अहम भूमिका निभाते हैं। पाचन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी लाभकारी भोजन तत्वों को हमारी आंतों के बाहरी आवरण यानी एपिथीलियम के माध्यम से छानकर रक्त प्रवाह में मिला दिया जाता है। दोस्तों ये भी जान लीजिए की प्राकृतिक तौर पर आंतों की बाहरी परत में करोड़ों सूक्ष्म चित्र होते हैं, जिनमें से अति सूक्ष्म भोजन तत्व ही बाहर निकल पाते हैं। इस आवरण यानी एपिथीलियम के विभिन्न सेल स्वास्थ्य पक्के जोड़ों से संयोजित रहते हैं और जब तक ये जोड़ सुरक्षित है जब तक हमारी आंतें भी सवस्थ रहती है। लेकिन दोस्तों जब भी ये सुख में क्षेत्र कुछ बड़े होने लग जाते हैं तो ये हमारी आंतों को अस्वस्थ बना कर इसके सामान्य कार्य को बाधित कर देते है। दोस्तों, इस वीडियो में मैं पवन शर्मा आपको इसी गंभीर स्थिति की जानकारी साझा करने जा रहा हूँ जिसे चिकित्सा क्षेत्र में आंतों के बढ़ते रिसाव के रोग या नीली की घट सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। इस बेहद खतरनाक स्थिति में हमारी आंख से कई ऐसे बड़े कारण भी बाहर निकलना शुरू हो जाते हैं। और शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुँच सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा भी पैदा कर देते हैं। इनमें खतरनाक रोग कारक बैक्टीरिया, ग्लूटन और अधूरे पचे भोजन के कई हानिकारक तत्व शामिल हो सकते हैं। सेहत के लिए खराब बैक्टीरिया बढ़ जाने से डिश बायोसिस रोग होने के साथ ही कई अन्य बीमारियों का भी खतरा हो जाता है। आंतों से रिसाव बढ़ने का एक बड़ा संकेत है अचानक से भूख कम हो जाना, लगातार असंतुलित भोजन की आदत। बन ना जो लोग लगातार तनाव, बेचैनी। और और घबराहट भरी जिंदगी जीते हैं। उन्हें आंख में सूजन और रिसाव बढ़ने का खतरा हो जाता है। ऐसे लोगों की इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है। दोस्तों, क्या आप जानते हैं हमारे शरीर को जल और भोजन के माध्यम से रोजाना 80,000 के करीब रासायनिक और हानिकारक टॉक्सिक पदार्थों का सामना करना पड़ता है। इनमें से हितकारी पदार्थों को अलग करके शरीर के सभी भागों तक पहुंचाने और गैरजरूरी अस्वस्थ बनाने वाले पदार्थों को मल मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकालने का यह बेहद महत्वपूर्ण और जटिल कार्य हमारी आते ही करती है। ली की घट सिंड्रोम के कुछ मुख्य लक्षणों में भोजन के बाद हमेशा पेट का फूल जाना यानी डायरिया यानी दस्त लगना, पेट में बार बार गैस का बनना, पाचन तंत्र में आया ब
दलाव यानी इरीटेबल बाउल सिंड्रोम और मलत्याग ने के समय जलन होना। आंतों में बढ़ते रिसाव के संकेत हो सकते हैं। दोस्तों खानपान की गलत आदतें जिनमें फास्ट फूड्स के नाम पर अधपके, असुरक्षित हाथों से और घटिया नकली तेलों में बने भोजन सहित दूषित जल का सेवन भी आंतों की परत को नुकसान पहुंचाता है। गलत समय और अनियमि
त मात्रा में भोजन भी नहीं करना चाहिए। ये सभी आदतें खतरनाक हो सकती है। इनसे हमारा ब्लड भी ऐसिडिक और सुरक्षित मात्रा से अधिक कोलेस्ट्रॉल से युक्त हो जाता है। स्टोन यानी पथरी का खतरा भी बढ़ जाता है। इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से ये श्वेत रक्त कणों यानी डब्ल्यूबीसी की सक्रियता को भी क
ई गुना बढ़ा देता है। आपको दोस्तों कब्जे की शिकायत, खट्टे डकार आने और लगातार अपचन यानी इन डाइजेशन की समस्या भी कर देता है। दोस्तों हमारी आंत ही है जो हमें हजारों खतरों वाले बाहरी वातावरण, हानिकारक जीवाणु और पदार्थों से सुरक्षा देती है। हमारे पाचन तंत्र का सबसे लंबा और मुख्य भाग ये आते ही है जो करीब 20
00 वर्ग फुट लंबी चौड़ी अपनी बाहरी परत में मौजूद करोड़ों सूक्ष्म चित्रों के माध्यम से दिन रात हमें सुरक्षा देती रहती है। इसलिए 200 अपनी खानपान की आदतों पर ज़रा फिर से अच्छी तरह गौर कर ले। सवस्थ भोजन नियमपूर्वक और सावधानी से करने की एक आदत बना लीजिए। इसमें लापरवाही जान।
जानलेवा और गंभीर रोगों का कारण बन सकती है। सवस्थ जीवन प्रणाली यानी हेल्थी लाइफ स्टाइल आपके पूरे शरीर सहित आपकी आंतों को भी सवस्थ और सुरक्षित बनाएगा। आंतों मेरे हिसाब से अनेक गंभीर रोग हो सकते हैं। इनमें मौसमी प्रतिरोध यानी सीजनल एलर्जी जैसे दमा और अस्थमा के लक्षण वयस्क होती। लड़कियों में माहवारी असं
तुलन यानी प्रीमेनस्ट्रुअल सिंड्रोम और बच्चे जाने के रोग जैसे पीसीओडी, हड्डी रोग जैसे आर्थराइटिस, स्वच्छ रोग और स्नायु तंत्र से जुड़े कई रोग ली की घट सिंड्रोम यानी आंतों से बढ़ते रिसाव से आपके शरीर में पैदा हो जाते हैं। मगर दोस्तों याद रखिये आंतों को सवस्थ रखने से आप शरीर में होने वाले 90% रोगों से खुद
को बचा सकते हैं। आते ही आपके शरीर का सुरक्षा कवच है। इनकी परतों में मौजूद इंट्रा एपिथिलियल लिम्फोसाइट्स है जो बेहद प्रभावी ढंग से सुरक्षा देने वाला आंतों का प्राकृतिक सुरक्षा तंत्र होते हैं। ये हमे तभी हानिकारक जीवाणु और पदार्थों को समाप्त कर सुरक्षा देते हैं। इनमें एच रिसेप्टर नामक प्रणाली होती है
, जिसकी सहायता से मैं ये सुरक्षित करते है। दोस्तों इन्हें सवस्थ रखने में ब्रोकली और इस प्रजाति की अन्य सब्जियां भोजन से पूर्व ताजा हरा सलाह प्याज, टमाटर, गाजर, मौसमी फलों को नियमित आहार में यदि आप शामिल कर लेंगे तो कभी भी आंतों से अधिक रिसाव की समस्या नहीं होगी। लेकिन घट सिंड्रोम से आप हमेशा ही मुक्
त रहेंगे। दोस्तों आपको ये विडिओ अच्छी लगी हो तो इसे लाइक और शेयर करने के साथ ही नोटिफिकेशन बिल आइकन का बटन दबाकर मेरे चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें। इससे आपको मेरे आने वाले वीडिओज़ की जानकारी सबसे पे उन्हें मिलतीरहेगी शुक्रिया दोस्तों मिलते हैं, अगली विडिओ में एक नए विषय के साथ नमस्कार।
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